उसे पसन्द है - Nidhi Narwal Poetry In Hindi

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हेलो नमस्ते दोस्तो आपका मेरे ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। जैसा कि आप जानते है मेरा हर पोस्ट नये शायर और नई शायरी के साथ आता है तो आज उसी श्रंखला में हाजिर हु एक बेहतरीन कवयित्री की बेहतरीन कविता के साथ। जिसका शीर्षक है उसे पसन्द है जिसे लिखा है निधि नरवाल ने यह उनकी बेहतरीन कविता में से एक है और यह कविता मुझे भी बहुत पसंद है। इसके अलावा इस पोस्ट में आपको Nidhi Narwal Shayari In Hindi भी पढ़ने को मिलेगी। निधि नरवाल poetry के साथ साथ शायरी भी करती है। जो कि सोशल मीडिया पर बहुत वायरल और प्रसिद्ध है।


उसे पसन्द है - Nidhi Narwal Poetry In Hindi


nidhi narwal poetry in hindi


बातें बेहिसाब बताना, कुछ कहते-कहते ही चुप हो जाना 

उसे जताना, उसे सुनाना, वो कहता है उसे पसंद है


ये निगाहें खुला मयखाना है, वो कहता है दरबान बिठा लो हल्का-सा बस हल्का-सा, वो कहता है तुम काजल लगा लो वैसे ये मेरा शौक नहीं पर हाँ उसे पसंद है


दुपट्टा एक तरफ ही डाला है, 

उसने कहा था कि सूट सादा ही पहन लो बेशक तुम्हारी तो सूरत से उजाला है।

तुम्हारे होंठों के पास जो तिल काला है, बताया था उसने, उसे पसंद है


वो मिलता है तो हँस देती हूँ,

चलते-चलते हाथ थामकर, उससे बेपरवाह सब कहती हूं

और सोहबत में उसकी, जब चलती है हवाएं मैं हवाओं सी मध्यम बहती हुं 


मन्नत पढ़कर, नदी में पत्थर फेकना, मेरा जाते-जाते यूं मुड़कर देखना 

और वो गुजरे जब इन गलियों से मेरा खिड़की से छत से छुपकर देखना हाँ उसे पसंद है


जुल्फों को खुला ही रख लेती हूँ उसके कुल्हड़ से चाय चख लेती हूं 

मैं मंदिर में सर जब ढक लेती हूँ, वो कहता है उसे पसन्द हैं

 

ये झुमका उसकी पसंद का है, और ये मुस्कराहट उसे पसंद है लोग पुछते है शबब मेरी अदाओं का, मैं कहती हूं उसे पसंद हैं।



Nidhi Narwal Shayari In Hindi


दुपट्टा क्या अटका सांकल में 

कमबख्त लगा दर पर तुम खड़े हो।

कुछ जख्म़ अब पायाब है कुछ है अभी ताजे ही, 

खिड़कियों से तो अब भी झाकने आ जाता है वो

बंद दिखते हैं उसके बस दरवाजे।


◆◆◆◆◆


इश्क़ से मिलकर देखा था जीना मोहाल कर गया, 

कुर्बत में लाश छोड़कर, कब्र मिट्टी से भर गया।


◆◆◆◆◆


अब उससे बात नहीं करनी, पर अब बात उसी की करनी है दिन दे दिया ऐ जिंदगी तुझे अपना, मगर रात उसी की करनी है 

अगर बख्शे मुफ्त में, मुझे खुदा से एक हसरत ख़ास उसी की करनी है

मैं क्या करू इन दीवानो का, मुझे बदतमीजियां बस बर्दाश्त उसी की करनी है।


यह भी पढ़े :- मेरी कदर तुझे उस दिन समझ आएगी


निष्कर्ष


आशा करता हु दोस्तों की आपको मेरा लिखा पोस्ट उसे पसन्द है - Nidhi Narwal Poetry In Hindi और Nidhi Narwal Shayari In Hindi पसन्द आये होगी और अगर पसन्द आये तो अपने यार दोस्तो के साथ भी जरूर शेयर करना। और इस कविता के बारे में अपनी राय जरूर देना। क्योंकि उसे पसंद है कविता मुझे तो बहुत पसंद है। इसलिए अपनी राय जरूर दे। धन्यवाद

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