30+ shiv shakti love quotes in hindi
हैलो दोस्तो आपका मेरे ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत है। दोस्तों आज में आपके लिए भगवान शिव और शक्ति के Love Quotes लेकर आया हु। जिसे पढ़कर आप उस अलौकिक प्रेम को अनुभव कर सकते हैं। भगवान शिव और माँ पार्वती का प्रेम, प्रेम का दूसरा नाम है। क्योंकि उनके जैसा प्रेम इस जहाँ में संभव नही। सिर्फ कहने को शिव और शक्ति अलग है पर असल में एक ही है। उनके प्रेम में त्याग, प्रतीक्षा, समर्पण, और अटूट विश्वास है जो युगों युगों तक उस अलौकिक प्रेम का अहसास दिलाता है। आज में उसी अलौकिक प्रेम पर 30+ shiv shakti love quotes in hindi लेकर आया हु जिसमे आपको shiv shakti love shayari, quotes on shiv shakti in hindi, शिव शक्ति प्रेम शायरी, शिव पार्वती लव शायरी पढ़ने को मिलेगी।
शिव प्रेम है और सती प्रेम की पराकाष्ठा
प्यार शब्द अपने आप मे पूर्ण नही है और यह किसी को पूर्ण रूप से नही मिलता। परन्तु भगवान शिव और माँ सती की प्रेम कहानी में अनेक कष्टों के बाद प्रेम का पुनः पाना इस बात का प्रतीक है कि भी जब प्रेम में सच्चाई और विश्वास हो तो वो प्रेम को पा ही लेता है। तीनों लोको के स्वामी होकर भी शिव जी के पास कैलाश पर्वत के अलावा कुछ नही था। दूसरी तरफ माँ सती या पार्वती राजा की पुत्री थी। जो तन मन से ही शिव को अपना सब कुछ मान चुकी थी। शिव से परे उनकी कोई चाहत नही थी। पुराणों के अनुसार माँ पार्वती जी ने शिव जी की अर्धांगिनी बनने के लिए एक सौ आठ बार जन्म लिया। अंतिम, एक सौ आठवीं बार में वे पार्वती जी बनी। पार्वती जी के स्वरूप से पहले उनका जन्म राजा दक्ष प्रजापति की कन्या के रूप में हुआ। उस समय माँ सती ने भगवान शिव से प्रेम विवाह किया जो उनके पिता दक्ष प्रजापति को मंजूर नही था वो इनका विवाह भगवान विष्णु के साथ करवाना चाहते थे। इस कारण दक्ष प्रजापति भगवान शिव को अपना शत्रु समझता था। एक बार राजा दक्ष भगवान शिव को नीचा दिखाने के लिए यज्ञ का आयोजन करवाता है जिसमे सभी को आमंत्रित करता है। सिवाय अपनी बेटी सती या पार्वती और जवाई भगवान शिव को छोड़कर। भगवान शिव के मना करने के बाद भी माँ पार्वती बिन बुलाए वहां जाती है। वहाँ उनका और उनके पति का घोर अपमान किया जाता है। जब उन्होंने शिव जी के प्रति अपमानजनक शब्द सुने तो वे यज्ञ के अग्निकुण्ड में कूद गई। शिवजी को जब पता चला तो उनके गणों ने यज्ञ भंग कर दिया। माँ सती ने पुनर्जन्म में पुनः शिव जी से मिलने का वचन देकर प्राण त्याग दिए। शिवजी माता सती का मृत शरीर को लेकर घुमते रहे। तब विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र से इक्यावन भागों में सती का तन काट दिया। जो आज भी 51 शक्तिपीठ के रूप में स्थापित है। सालो साल शिवजी का वियोग कम नहीं हुआ बल्कि बढ़ता ही गया। वे संसार से विरक्त हो गए। उधर माँ सती ने वादा निभाने के लिए पर्वतराज हिमवान और रानी मेना के घर बेटी के रूप में पुनर्जन्म लिया। पर्वतराज की बेटी होने के कारण उनका नाम पार्वती रखा। पार्वती के मन मे शिव को पुनः पति रूप में पाने की चाह थी तब नारद जी ने पार्वती जी को जीवनसाथी के रूप में शिव जी को पाने के लिए तपस्या का मार्ग बता दिया।
तब माँ पार्वती जी ने अन्न-जल का परित्याग करके विभिन्न कठोर से कठोर तप सहस्त्रों वर्षो तक किए। शिवजी ने सप्तऋषियों को पार्वती जी को समझाने के लिए भी भेजा और खुद भी वेश बदलकर उन्हें समझाने आये फिर भी पार्वती नही मानी आखिरकार भगवान शिव ने हार मानकर उनके संग विवाह करने का वचन दिया। शिवरात्रि के दिन शिव पार्वती का पुनः मिलन हुआ एक दूसरे से जन्मों जन्म के लिए विवाह के बंधन में बंध गए। कितनी कठिनाइयों को सहन करते हुए महलों की राजकुमारी पार्वती जी, पर्वतवासिनी बन गई।
30+ shiv shakti love quotes in hindi
तपस्या पार्वती सी, इंतज़ार शिव सादूरियां जन्मों की, साथ सदियों का
अधूरी है मोहब्बत मेरी तेरे नाम के बिनाजैसे शिव अधूरे है अपनी शक्ति के बिना
आज दुनिया करती है जिनका वंदनअटूट है शिव पार्वती के प्रेम का बंधन
अधुरा है ईश्क मेरा तेरे नाम के बिनाजैसे अधुरी है पार्वती शिव नाम के बिना
दुनिया की हर मोहब्बत मैंने मतलब से भरी पायी है पवित्रप्यार की खुशबु सिर्फ मेरे शिवशक्ति में ही नजर आई है
शिव शक्ति से ही पूर्ण है शक्ति के लिए वो परिपूर्ण हैदोनो में है प्रेम इतना एक दूजे के लिए सम्पूर्ण है
Shiv Shakti Love Shayari
जहा प्रेम वहा भक्ति हैजहाँ शिव वहाँ आदिशक्ति है
गंगाधर तू, गंगोत्री मैंसंहारक तू, सर्वोत्री मैं
माता गौरी के सच्चे प्रेम का है ये इनामशंकर से पहले लिया जाता गौरी का नाम
शिव दया के सागर, पार्वती शक्ति का रूपसाथ मिलकर करते हैं संसार का कल्याण अनुरूप
ये शिव पार्वती के प्रेम का अहम किस्सा हैशिव पार्वती एक दूजे का अभिन्न हिस्सा है
प्रेम की परिभाषा राधे कृष्ण हैतो फिर प्रेम का दूजा नाम शिव-शक्ति है
Quotes On Shiv Shakti In Hindi
वैरागी को भी राग सीखा देप्रेम वो है जो सती को शिव से मिला दे
पार्वती सी अर्पित में रहूं, हो वह वैरागी का रूपमिले हम कुछ यूं, जैसे शिवशक्ति स्वरूप
सच्चे प्यार की यह कहानी मशहूर हो गईजब महलों की रानी श्मशान वासी की दीवानी हो गई
जो भी करो शिद्दत से करो चाहे वो"शिव" सा प्यार हो या "सती" सा इंतजार
एक प्रेम की तपस्या थी, एक विचार के आधार थेजब पार्वती ने व्रत रखा तब शिव भी निराहार थे
शिव शक्ति प्रेम शायरी
शिव में खुद को खोकर ही पार्वती ने अपना अस्तित्व पाया सच्चा प्रेम क्या होता है, माँ पार्वती ने पूरी दुनिया को बताया
इतने सरल कहां है दिलों के रिश्तेन जाने कितने जन्म लिए "सती" ने "शिव" को पाने के लिए
कुछ तो ताकत होगी मोहब्ब्त मेंवरना महलों की रानी यू शमशान योगी की दीवानी न होती
मैंने देखा है अधूरे प्रेम को प्रतीक्षा के बाद पूरा होते हुएजैसे पार्वती के लिए शिव का इंतजार पूरा होते हुए
मैं प्रेम बनूं तो तुम उसका अर्थ बन जानामैं शिव बनूं तो तुम मेरी पार्वती बन जाना
इस दिल में एक ऐसा प्रेम पाल रखा हैजहां सिर्फशिव को नहीं शक्ति को भी मांग रहा रखा है
युगों युगों ब्रत, पूजा, उपवास शिव के गुणगान किए थेतब जा के वर के रूप में खुद महाकाल मिले थे
शिव पार्वती लव शायरी
अनंत काल की दूरी में भी सदैव साथ रहने की ठानी है इसीलिए संसार में सबसे सुंदर शिव-पार्वती की प्रेम कहानी है
प्रेम विरह से अधिक प्रतीक्षा का विषय हैशिव-पार्वती का प्रेम इस बात का साक्ष्य है
बहुत ही कठिन है ये प्रेम के रास्तेफिर भी प्रतीक्षा की शिव ने, हर जन्म में सती के वास्ते
तोड़े से ना टूटे छोड़े से ना छूटे ऐसे बंध जाएगौरी शंकर जी के जैसी जोड़ी बन जाए
प्रेम ने तो महादेव तक को रुला दियाहम तो फिर भी इंसान है
प्रेम में आँसू बहना बहुत ही भाग्य की बात हैमैंने "सती" के लिए शिव को रोते देखा है
जिद पार्वती की थी. शिव ने स्वीकार कीपार्वती ने तपस्या की, शिव ने प्रतीक्षा कीदूरी, तप, पीड़ा, अश्रू, शत्रु, कोई इनका प्रेम मिटा ना सकाफिर सारा बह्मांड साक्षी बना, अंनत प्रेम की अंनत गाथा का मिलन कुछ यूँ हुआ