हमारी अधूरी कहानी -एक प्रेम कथा
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दोस्तों मेरे इस ब्लॉग पर आपका तहे दिल से हार्दिक है। आप एक शायरी प्रेमी है और मेरे ब्लॉग पर आए इस बात की मुझे बहुत खुशी हुई। इस post में आपको Hamari Adhuri kahani - ek prem katha (हमारी अधूरी कहानी -एक प्रेम कथा) Emotional-Sad-Love-Story-In-Hindi जो एक Poetry Shayari के रूप में लिखा गया है | जिसे तरुण कुमार ने लिखा है। जो कि पूरी तरह से काल्पनिक है। जिसका मेरे अतीत या वर्तमान से कोई लेना देना नही। कहा जाता है कि कल्पनाओं की कोई सीमा नही होती। उसी कल्पनाओं की परिसीमा को पार कर इस कहानी को लिखा है। इसे ध्यान से पढिये यह प्रेमियों के कही न कही दिल के बहुत करीब से गुजरेगी।
हमारी अधूरी कहानी -एक प्रेम कथा
थोडा सा शरारती, थोडा सा था नादानपर प्यार से था, मै पूरी तरह अनजान।खुश रहता था, अपनी ही ख़ुशी से, गम का न कोई फ़साना था ।औरो से नही था कुछ लेना देना, मै तो बस अपना ही दीवाना था ।।एक लड़की जिसको था, मुझसे प्यारपर कभी नही किया, उसने मुझसे इकरार।एक दिन उसने कहा,सिखाती हु तुझे क्या होता है प्यारज़िंदगी संवर जायेगी तेरी,तू एक बार करके तो देख प्यार।।प्यार से उसने पास बुलाया,प्यार से उसने पास बैठाया ।प्यार से उसने गले लगाया,प्यार से उसने यह बताया।करती हु प्यार तुझसे और मेरा दिल तुझपे आया।।पहली बार किसी को मुझ पर, प्यार आयादिल को भी इस बात पर, यकीन नही आया ।फिर उसने बताया, करती हु तुझसे सच्चा प्यारफिर भी यकीन न आये तो आजमा के देख ले यह प्यार ।।मेरे मन में ख़ुशी नही समायी जब,उसकी आँखों में मैने अपनी छवि पायी।अब उसकी छवि भी मेरी आँखों में बसने लगी।जैसे सच होने लगी उसकी बात,प्यार से मेरी ज़िन्दगी सवंरने लगी।।जैसे कश्ती को किनारा मिल गया, दो दिलो को सहारा मिल गया।बंजर पड़े थे जो दिल अब तक,आज उन पर प्यार का कमल खिल गया।।मेरी ख़ुशी में ही, वो अपनी ख़ुशी समझती थी ।मेरी हँसी में वो हँस लेती, तो मेरे गम मे वो रो लेती थी।बस इतना समझती थी वो, मुझसे बढकर उसकी कोई ख़ुशी नही थी।।प्यार से बुलाती मुझको,अपने हाथो से खाना खिलाती मुझको ।जरा भी रूठ जाऊ तो, बड़े प्यार से मानती थी मुझको।दुआ में बस यही माँगा करती थी, की कभी नही भूलूँ में तुझको ।।खिलखलाती हुई वो आतीगले लगाकर मुझको उठाती ।आने लगती जब नींद की झपकी मुझकोपलके बिछाकर सुलाती मुझको ।।रात भर वो जागा करती,आँखों में आँखे ड़ाल ताका करती मुझको।कही ओझल न हो जाये चेहरा मेराइसलिए टकटकी बाँध के देती रहती पहरा मेरा ।।मेरे लिए वो जुबां पर कभी "ना" नही लाती ।जो भी माँगा मैंने उससे, कही से भी वो ले आती ।मेरे झूठ को भी सच मान जाती।अगर जान भी मांग लेता, तो वो निःसंदेह हथेली पर ले आती ।।नही जाना था, प्यार इतना बढ़ जायेगा।जैसे करती है प्यार, पानी संग मीनमर ही जाएंगे कभी रहना पडा उसके बिन ।।मुझे पास पाकर उसकी खुशी का कोई ठिकाना नही रहता ।सपने में भी मेरे जाने के नाम से उसकी आँखों से पानी बहता ।यह कल्पना नही हकीक़त है।क्योंकि कई बार वो आँसू इन्ही हाथो ने पोछे है ।।खुद से ज्यादा यकीन था उसे, मुझ पर।उससे ज्यादा भरोसा मुझे भी नही था, किसी पर।इतना प्यार पहले कभी किसी पर नही आया।ख्वाबो और सपनो में बस एक ही चेहरा नजर आया।।मासूम सा वो चेहरा थामीठी थी उसकी बोली ।हरपल प्यार लुटाती रहती मुझ परवो प्यारी सी सूरत भोली।।परी सी वो लगती, बिना साज सिंगारतो सोचो कैसी लगती, जब करती होगी वो 16 श्रंगार ।उसके रूप ने ऐसा मोह लियाइस दिल ने भी उसके प्यार में अपना आपा खो दिया ।।कुछ नही माँगा उसने प्यार के सिवाय मुझसेप्यार भी इतना लूटा दिया उसने, की अब प्यार की जरुरत नही मुझे।मेरा भी प्यार कभी नही होगा कमक्योंकि मैने तो मान लिया था, कि दो जिस्म एक जान है हम।।मुझको देख के मुस्कुराती हरपलमुझको ही समझती थी वो अपना दर्पण ।जो भी था उसके पास, सब कुछकर दिया उसने मुझको अर्पण ।इससे ज्यादा क्या करती वो अपने प्यार में समर्पण ।।प्यार को एक शब्द ही माना था मैंनेपर अब कही जाकर जाना था मैंने।सोचता हु ऐसा प्यार सबको मिलेमेरी तरह हर किसी का जीवन सवँरे।।खोना नही चाहती थी, वो मुझेदूर होना नही चाहती थी वो मुझसे ।पर वक़्त ने ऐसी करवट ली याराकी मै क्या बताऊ तुझसे ।।प्यार का शब्द भी अधूरा है, प्यार भी अधूरा हैअच्छा हो या सच्चा यहा हर आशिक अधूरा है।फिर में कैसे बच जाता..........क्योंकि रब ने तो हर आशिकी का नसीब भी लिखा अधूरा है ।।आखिर प्यार को लग ही गया ग्रहणजो हमे अलग करने का लेकर आया था, प्रण ।बनकर देवदूत कोई कोई मानव आयाजिस रब ने हमें था मिलाया, उसने हमे उसी रब का डर दिखाया ।।पता नही उसने हमारे प्यार का पैगाम कहा से पाया ।जो प्यार के पंछियो एक दूसरे से दूर करने था आया ।।अगर नही हुए अलग, तो करेगा कुछ गलतइस इज़्ज़त भरे प्यार को करेगा पूरी दुनिया के सामने बेइज़्ज़त ।।वो घबराने लगी,उसकी आँखों के सामने उसके प्यार की नैय्या डूबती नजर आने लगी ।आँखों से आंसू बह रहे थेन कर हमे जुदा, उस देवदूत के पैरो से लिपट् लिपट के कह रहे थे ।।प्यार को लड़ते देखा,प्यार को झगड़ते देखा ।पर प्यार को प्यार की खातिर यूकभी किसी के पैरो में गिड़गिडाते नही देखा ।।आँखे आँसुओ का सैलाब बनी,खुशियो के दर्पण पर जैसे गमो की सील पड़ी ।।सपने सारे चकनाचूर हुए, जो प्यार से थे संजोयेप्यार की माला बिखर रही, अब आकर इन्हें कौन पिरोये ।।हँसी एक क्षण में सिमट गयीगमो की चादर ज़िन्दगी पर यूं लिपट गयी ।चाहे भी तो इससे कैसे निकले बाहर,प्यार की कश्ती फंसी पडी थी मझधार।।आँखों से आँसू बहते रहे हैपल पल हरपल एक ही बात कहते रहे है ।कैसे उससे हो जाऊ, मै जुदाजिस प्यार को मैंने माना, है खुदा ।।सब कोशिशे हो रही थी बेकार,एक प्यार का सपना था, वो भी नही हुआ साकार ।आज प्यार हो रहा था, निराधारअब तू ही इसे बचा सकता है देव, भगवान, मेरे निराकार ।।आँखों के आंसू अब सूखने लगेदिल पर पड़े जो घाव दुखने लगेअब किससे मांगे मदद और किससे करे अरदास ।कौन करेगा मदद यहाँ जब ऊपर वाला ही नही हमारे साथ ।।ऐ रब, ऐ खुदा, ना कर तू हमे जुदातुझे हाथ जोड़कर करते है विनती, हर दफा ।न बन, तू इतना बेरहम, न हो हमसे खफा ।यह प्यार नही है एक तरफ़ाबस इतना बता दे, इस प्यार ने किया क्या गुनाह ?गुनाह तूने यह किया, की प्यार तूने क्यों अपनों में ही क्यारिश्ते नाते भूल के, क्यों तूने ऐसा रिश्ता कायम किया ।जग न जाने यह प्रेम प्रीत, यहाँ चलती है बस एक ही रीतन करना अपनों से प्यार, क्योंकि यह प्यार नही,,,, जाना जाता है दुराचार ।।भूलना पड़ेगा उसे, यही है तेरा आधारनही तो जग हँसी के लिए रहना तैयार।प्यार को ऐसे द्वन्द पर खड़ा पायाजहाँ पीछे खाई, आगे कुआँ नजर आया।।मेरे प्यार को कुछ समझ न आयावो रोता लड़खड़ाता मेरे पास आया ।बहती आँखों से उसने, सारा व्रतांत सुनायासुनकर, सारा व्रतांत मेरी आँखों ने आँसुओ का सावन बरसाया ।।मेरा मन सहमा, डरा, घबरायाअभी तक कानो को यकीं न आया ।खुद से करना था, जैसे खुद को जुदापास खड़ा होता तो, एक पल तू भी रो पड़ता ख़ुदा ।।जिया जलने लगा, मन मसलने लगाख़ुशी भरी ज़िन्दगी पर, गमो का कीड़ा रेंगने लगा ।हटाना चाहूँ फिर भी वो कीड़ा कटेगा, नही हटाउ, तो भी वो काट काट खायेगाआज गमो के हाथो मेरी खुशियों का गाला घोटा जायेगा ।।चाह कर भी न कुछ कर सकतानही तो गिर सकता, नही सम्भल सकता आसान लगा था ज़िंदगी को जी जानापर आज पता चला, की इससे तो अच्छा है मर जाना ।।क्यू आशिक़ आशिकी में अपनी जान देते हैक्यू प्यार को पाने की चाहत में सिरफिरे बने रहते है ।आज था यह समझ आया, की प्यार करना कितना आसानऔर प्यार बिन रहना, कितना हो जाता है दुस्वार ।।आखिर खुद को समझा के, दिल को समझायातू तो बस कठपुतली है, यह सब ऊपर वाले की है माया ।दिल से एक आवाज निकली, करना था यूँ ही जुदातो क्यू उपरवाले तूने हमसे, यह प्यार का खेल खेलवाया ।।शिकायते तो तुझसे भी रहेगी, है प्रभु, है खुदाक्यूकी हमे जिसने था मिलाया, उसी ने किया जुदा ।दूर ही करना था तो,यूँ करीब क्यू लाया अरे जब सब कुछ छिनना ही था, तो क्यू रहमतगार बनकर आया ।।प्यार न दिया होता, तो अच्छा थाकृपा दयालु बनकर, प्यार का यह उपहार न दिया होता तो अच्छा था ।पल भर की ख़ुशी के लिए,यह उम्रभर का गम न दिया होता, तो अच्छा था ।।न जानता था, प्यार में तड़पन किसे कहते हैंप्यार करने के बाद, अब मुझसे पूछो प्यार में तड़पना किसे कहते है ।तेरा दिल भी पसीज जायेगा, प्यार में घाव खा केजब छिन जाती है होंठो की हँसी, एक बार मुस्कुरा के ।।माना रिश्ता नही था अच्छापर यह तो सच है, प्यार तो था हमारा सच्चा ।अच्छे रिश्ते में भी नही हो, प्यार सच्चातो इतना बता खुदा "क्या सही है रिश्ता अच्छा या प्यार सच्चा"हे खुदा रिश्तों की बेडियो में प्यार को यूँ न जकड़पुरानी रीतियो परम्पराओ को लेकर यूँ न अकड़ ।प्यार परम्पराओं से नही आतायह तो दिल की उपज हैजो हर किसी का दिल, हर किसी पर नही आता ।।और जिन दिलो में हो सच्चा प्यार, वो ही अच्छा रिश्ता कहलाता ।।ऐ ईश्वर, ऐ खुदा यह दुनिया एक बाग़ है, तेरातो मै भला तुझ से कैसे बगावत करू ।तूने जो चाहा है, हमे अलग करनातो तेरी ख़ुशी में ही मै अपनी ख़ुशी समझु ।।मेरे प्यार से मैंने पुछाक्या करे, क्या न करे, तुझे क्या सूझा ।उसने कहा "मै क्या बनाऊ मंसूबा, जब हमे अलग ही करना चाहता है खुदा"।।ना होंगे जुदा, तो हमसे और भी रूठ जायेगा खुदाअपने भी हमारी, नही करेंगे इज़्ज़त ।और वजूद बचाने के चक्कर में यह, देवदूत मानव हमे कर देगा बेइज़्ज़त।।ना चाहते हुए भी होना होगा अलगबुझाना पडेगा प्यार का दीया जो अब तक रहा था सुलगपर कैसे यू दूरियों के कदम बढ़ाएजिन कदमो ने साथ चलने के वचन खायेएक तरफ प्यार हमारा थातो दूसरी तरफ उस रब को हमारे प्यार से ऐतराज थाप्यार को बचाये तो रब रूठ जाएऔर रब को मनाये तो हमराज छुट जायेप्यार को खोना हमारे हाथो की लकीर हो गयाप्यार में रोना हमारी तकदीर हो गयान सोचा था नसीब भी अपना यू रंग दिखायेगाछीनकर हमसे हमारा प्यार यू बदनसीब बनाएगामुझे तो रब को भी मनाना हैतो अपने प्यार को भी नही भूलना हैइसलिए सोच लिया लाखो दूरियों हो इन दो दिलो के बीचपर इस प्यार को तो दिल से निभाना हैदिन पे दिन बीतते गएजुदाई के घाव सिलते गएफिर भी इस दिल पर वो प्यार का निशान हैंवो प्यार ही तो इस दिल की जान हैरोते हुए उसने आखिरी सलाम फ़रमायाजिससे वो नही होना चाहती दूर, उसी से दूर होने के लिये अपना कदम बढाया।जिसने हँसकर हमेंशा मुझे गले लगाया,उसने न पलटा पीछे, न ही अपना चेहरा दिखाया ।।आँखे मेरी रोती रही,अपने ही आँसुओ से, अपने गमो को धोती रही ।जो छवि हमेशा आँखों में बसा करती,उसी ओझल होती छवि को, आँखे ढोती रही ।।मेरा प्यार जा रहा था, मुझसे दूर ।उसे एक आवाज़ भी नही दे सकाक्यूकी कही वो, तो कही में था मजबूर।।वक़्त चलता गया, राह बदलता गयामै आज भी खड़ा हु, उसी प्यार की राह पर ।पर मेरा प्यार, वक़्त की आड़ में बदलता गया ।।पूछता हु, मै कभी उससेक्या इतना तो याद है, क्या रिश्ता था तेरा मुझसे ।कहती है, वो पल बीत गए मुझे कुछ याद नहीजो कभी कहा करती थी, की मुझे तेरे सिवा कुछ याद नही ।।वक़्त की आड में, उसने सब कुछ बदल दियाजो कहती थी, तू ज़िन्दगी है मेरीउस ज़िन्दगी को, अतीत के एक पल में समेट लिया ।याद के नाम पे बस, उसे इतना याद हैहुआ करता था मै उसका प्यार कभी, इससे आगे कुछ भी याद नही ।।उसने साफ़ कहा न कर याद मुझेन मै करू तुझे यादभूल जा सब कुछ ।जो प्यार किया था हमने मिलकर साथ।।वक़्त ने वक़्त के साथ रंग दिखा दिया ।मेरे प्यार ने आखिरी समय में अपना, ढंग बता दिया ।कहती है, अब नही हो सकता हमसे प्यार ।तुम भी भूल जाओ यह प्यार- व्यार और कही बसाओ अपना नया घर संसार ।।आशिक़ी दिखा के आशिक बनाया थाप्यार से किया था, मर्डर ।आँखे बंद कर के कुछ याद करयाद आ जायेंगे तुझे, वो प्यार भरे पल ।।बड़ी चोटी तुझको लगती थी, अच्छीपर मुझको तेरी यह बात नही, जँचती ।मेरी खातिर करके खुद को, बेहालकाट दिए थे तुमने अपने बालक्यूकी सच्चा प्यार करती थी तू, मेरे नाल।।वो पल भी तू याद कर जब हम गए थे उस रब के घरदुनिया से होकर बेखबर प्यार किया था तुमने आहे भर भर करन तो चाँद को तूने सोने दियाऔर न ही सूरज को तूने जगने दियाइतने यादो की तो सेज सजाई है तुमनेक्या क्या बताऊ, क्या याद दिलाऊ तुम्हेइन हाथों को आज भी उन हाथो का अहसास है ।इन उंगलियों में वो प्यारी सी खुश्ब आज भी हैं ।जो कभी हुआ करती तुम्हारे सबसे करीबजो आज बनकर बैठी है सबसे गरीब।।मेरी बाते तुझे इतनी प्यारी लगतीकी सुनने के लिए रात भर तू जाग जाती ।मेरी मन्द हँसी तुझे लगती इतनी, प्यारीभले आँखों में हो आँसु फिर भी मेरे संग हँस पड़ती होकर बावरी ।।हमारे बीच दुरिया तुझे एक पल भी नही भाती ।जहाँ भी देखा मुझे, दौडकर मेरे पास आती ।जहा भी जाती मुझे साथ ले जातीयह है मेरा सबसे प्यारा, ऐसे करवाती सबसे परिचय हमारा ।।अजीजो में सबसे अजीज हमे बतातीहमारी, परछाई खुद को बताती ।अगर कर देते हम किसी बात का मनातो भूल से भी तुम, वो बात न दोहराती ।।हर सच्चाई तूने मुझे बताईकभी भी कोई भी बात मुझसे,नही छुपाई।मेरे सामने खुद को बनाया खुली किताबकरके पुरे जीवन को बेनकाब ।।जब इतनी की वफ़ातो फिर अब क्यू बन गए हो बेवफा ।तुम्हे भी प्यार इस कदर ही भूलाना थातो प्यार करने से पहले सोच लेते एक दफा ।।रब के डर से उसने मुझे छोड़ दियालिया हुआ वादा भी तोड़ दिया ।अँधेरी रातो में, उन हाथो ने भी साथ छोड़ दियादेख रहा होगा, खुदा तो वो भी हँस रहा होगा ।और कह रहा होगा, की जिस प्यार का था तुझे अभिमानवो तो मेरे डर से, अपने प्यार से भी हो गया अंजान।।इस प्यार की उसने यादे जला दी,पूछा तो बताती है वो बाते वक़्त ने, वक़्त के साथ भुला दी ।समझ नही आता, वो दिल भी कैसे बदल गयाजो कभी मेरी साँसों से ही करता था, जीया ।।जिस दिल में बसता करता था, एक ही पीयावो ही दिल कहता है, मैने उस प्यार को दफन कर दिया ।उसके जैसा दिल, काश! मेरा भी होताउसकी यादो को जला कर, कर देता सवेरा ।।मुझे नही पता था मेरे दिल का पंछी, यू उड़ जायेगापुराने बसेरे को छोड़, कही नया बसेरा बनाएगा ।यह दिल उसके इंतज़ार में, आज भी रहता हैं बेताब ।की लौट आएगा वो पंछी, चाहे क्यू न गया हो सात समन्दर पार ।।कोई न जाने इस दिल की उम्मीदजो लगा के बैठा है, उस प्यार के लौट आने की उम्मीद ।कौन जाने वो, लौट के आएगापर दिल कहता है वो, एक दिन लौट आयेगा और मुझे दिल से गले लगाएगा।।मै तड़पा हु, तेरे प्यार की खातिरकल तू भी तड़पेगा, मेरे प्यार की खातिर ।पलट के देखेगा तू भी, अतीत के पन्नेंबेइंतहा प्यार दिया था, तुझे जिन्होंने ।जिस प्यार को आज भुलाया, तूनेजिन यादो को जलाया, तूने ।कही न कही वो अपना अहसास जरूर दिलाएगाजब तू अपने प्यार की तोहीन, कभी किसी अपने से पायेगा ।।यह आस है, यह विश्वास हैसच्चा प्यार हमेशा दिलाता अहसास है ।की तुने जो खोया, वह बड़ी मुश्किलो से मिलता हैसच्चा प्यार भी, बड़े नसीबो से मिलता है ।अरे तूने क्यू खोया अपना सच्चा प्यार, जो बड़ी मिन्नतों से मिलता है ।।लौट जा, अब भी वक़्त नही बीतासच्चा प्यार कभी अकेले नही जीता ।चल पड, फिर से उसी डगरतेरा प्यार भी मिलेगा, तुझे उसी राह पर ।इंतज़ार में बैठा होगा, तेरे आज भीइस बात में कोई ऐतराज नही ।अरे जिस रब ने अपना रौब दिखायापर क्यू भूल गया तू, उसी रब ने भी सच्चे प्यार के आगे अपना सिर झुकाया ।।चाहे तू उसे, प्यार न करझूठ-मुठ ही सही, उसके साथ तो चलइसके सिवा कुछ नही चाहता वो तुझसे आजकल।।जितना भी प्यार तू, उसे देगाउसी में वह खुश रह लेगा ।बाकी बची ज़िन्दगीतो वो तो जैसे-तैसे पूरी कर देगा ।।थोडा भी देना पर, प्यार सच्चा देंनालगे की लौट आये वो अतीत वाले दिनहर दिन कुछ इस तरह सजा लेना ।क्यूकी बदला प्यार बर्दाश्त नही होगा उससे,जिसने प्यार किया तुम्हे पूरे सच्चे दिल से ।।झूठा प्यार भी करो तो सच्चा सा लगना चाहिएकी लौट आया है फिर वो ही प्यार, इतना सा लगना चाहिए ।इतना सा भी कर दिया तुमने, सच्चे दिल सेतो मै कहता हु की, कभी भी किसी भी प्यार को, इससे ज्यादा कुछ नही चाहिए ।।रब ऐसा डर किसी को न दिखाएजिससे कोई, प्रेमी पंछीडा बिछड़ जाये ।जिन्होंने पाया था, प्यार बड़ी सिद्द्तो सेवो मर मर के जीने को, मजबूर हो जाये ।और बाद में प्यार भी वो रंग न दिखाए,जो रब ने किया उसके साथ, वो अपने प्यार के साथ न दोहराये ।अगर होता रहा ऐसे ही, तो मुझे डर हैकी कही किसी प्रेमी पंछीडा का, रब से और प्यार से विश्वास न उठ जाये ।।प्यार बड़ी मुद्दतो से होता हैप्यार बड़ी मुश्किलो से होता है ।रब को तो चाहिये की, वो दो प्रेमियो को मिलायेऔर प्रेमियो को चाहिए की........., करो ऐसा प्यार की रब को भी तुमसे प्यार हो जाए ।।
निष्कर्ष
आशा करता हु की आपको मेरी लिखी Adhuri kahani - ek prem katha (हमारी अधूरी कहानी -एक प्रेम कथा) Emotional-Sad-Love-Story-In-Hindi पसन्द आयी होगी। आप अपना प्यार इस ब्लॉग पर बनाये रखना और मेरी शायरी को अपनों को, अपने प्रेमियों को Share करते रहना धन्यवाद।