बेटियाँ नसीब से तो बेटे दुआओं के बाद आते है - अमृतेश झा
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हैल्लो दोस्तो आपका मेरे इस ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। दोस्तों आज में आपके लिए लेकर आया हु अमृतेश झा की एक बेहतरीन कविता बेटियाँ नसीब से तो बेटे दुआओं के बाद आते है लिरिक्स (Betiya naseeb se to bete duaon ke baad aate hai lyrics) इस कविता में आपने लड़कों के दर्द को बखूबी बहुत सुंदर तरीके से कविता के माध्यम से उतारा है इस कविता को पहली बात सुना तब ही यह कविता मेरे दिल मे घर कर गयी सोचा आप लोगो के सतह भी शेयर कर दु। मुझे पूर्ण विश्वास है जब यह कविता आप पढोगे तो आपको भी पसंद आएगी और एक लड़के के दर्द से आप भी रुबरू हो जाओगे।
कविता बेटियाँ नसीब से तो बेटे दुआओं के बाद आते है लिरिक्स
उम्र के हर पड़ाव पर हज़ारोपरेशानियां होती हैवो कंधे दुखते बहुत है जिन पेज़िम्मेदारियाँ होती हैकी बेटियाँ नसीब से तो बेटे दुआओंके बाद आते हैंअजी हम लड़के हैं जनाब हम कुछजिम्मेदारियो के साथ आते हैंआधी उम्र जिम्मेदारियां समझनेमें गुजर जाती हैंतो आधी उसे निभाने मेंपूरा बचपन किताबों में गुजर जाता हैंतो जवानी कमाने मेंये जिम्मेदारियां उम्र के साथ बढ़ती हैंये बुढ़ापे में भी कम नहीं होताअजी कौन कहता हैं जनाबहम लड़कों की जिंदगी में गम नहीं होताकभी बेटा बन कर तो कभी बाप काफर्ज निभाना पड़ता हैंकभी खाने के लिए नख़रे होते हैंतो कभी खाली पेट भी चलाना पड़ता हैंकभी माँ की गोद में सोते हैंतो कभी जिम्मेदारियों के बोझ मेंकभी खुद की तलाश में रहते हैंतो कभी सुकून की खोज मेंहम हर किसी की तकलीफें समझते हैपर अपनी तकलीफों का किसी से जिक्रतक नहीं करते हैंहम जिम्मेदारियों के पीछे कुछइस कदर भागते हैंकी अपनी ख़्वाहिशों तक की फिक्र नहीं करते हैंहमसे हर किसी को उम्मीदें हैंपर कोई हमसे हमारी ख्वाहिशें पूछें किसीका मन नही होताअजी कौन कहता है जनाब हम लड़कोंकी जिंदगी में गम नहीं होतादिल टूट जाये हमारा फिर भी मुस्कुराना पड़ता हैंछुप छुप कर रोते हैंसब से आँसू छिपाना पड़ता हैंजिम्मेदारियों के पीछे हमारा इश्क़ भीमुकम्मल नही होतावैसे तो आज़ाद घूमते हैंमगर वो भी किसी पिंजरे सेकम नहीं होता हैंजिम्मेदारियां निभाते निभाते हमारे खुद के कोईअरमान नहीं बचतेउड़ना तो हम सब चाहते हैं मगर हमारेलिए आसमान नहीं बचतेहम हर किसी का घाव भरते हैमगर हमारा कोई मरहम नहीं होताअजी कौन कहता हैं जनाब लड़कों कीजिंदगी में गम नहीं होता
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निष्कर्ष
आशा करता हु दोस्तो की आपको अमृतेश झा की लिखी कविता कविता बेटियाँ नसीब से तो बेटे दुआओं के बाद आते है लिरिक्स(Betiya naseeb se to bete duaon ke baad aate hai lyrics) पसंद आयी हो और लगे कि कवि ने इस कविता में सत्य बताया है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों से साथ जरूर साझा कीजिए।