हो विधानों को बधाई - मनु वैशाली
हैल्लो दोस्तो आपका मेरे ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत है।दोस्तो आज में आपके लिए लेकर आया हो विधानों को बधाई जिसे मनु वैशाली ने लिखा है। जानकारी के लिए बता दु मनु वैशाली युवा कवयित्री शिवपुरी मध्यप्रदेश है। जिन्होंने हाल ही में टेलीविजन के वाह भाई वाह कायर्क्रम में अपनी शानदार प्रस्तुति दी। हो विधानों को बधाई कविता की कुछ पंक्तिया "चुम दर मंदिर शिवालय, नद नदी सिक्के उछाले" आपने वाह भाई वाह कायर्क्रम में भी सुनाई थी जो मेरी पसंदीदा पंक्तिया है आशा करता हु आपको भी पसंद आये। इस कविता में आपने यह बताने का प्रयास किया है कि मेहनत के साथ साथ भाग्य का साथ होना भी कही न कही जरूरी होता है। इसलिए हमें मेहनत के साथ साथ भाग्य को भी बधाई देनी चाहिए।
हो विधानों को बधाई - मनु वैशाली
गीत गानों की रत्न में
आरती मे आंच मन मे
ध्यान व्रत पूजन हवन में
मंत्र श्लोकों मे भजन मे
एक ही वरदान मांगा
प्रेम का ये दान मांगा
पर प्रबल है भाग्य के ये फल
है विफल सब साधनाएँ
हो विधानों को बधाई
है हमे शुभकामनाएँ
चुम दर मंदिर शिवालय
नद नदी सिक्के उछाले
पाठ जप तप करके हारे
कर लिए उपवास सारे
मन्नतो के बांध धागे
काश कोई पुण्य जागे
के सुनी जाए कही तो
अनसुनी सब याचनाये
हो विधानों को बधाई
है हमे शुभकामनाएं
ज्ञान के प्रवचन विफल है
प्राण लेकर प्रण अटल है
प्रीत का हठ योग साधे
प्रश्न है अन्तस्थ में आधे
क्यों नही तुम भाग्य मेरे?
क्या नही मैं योग्य तेरे
पूर्ण हो किस विध कहो तुम
ये मनोरथ कामनाए
हो विधानों को बधाई
है हमे शुभकामनाएं
संविधा आहुतियां या
पा सकेगी तृप्तियां क्या
वेदिका पर भोग छूटे
प्रीत के ये जोग झूठे
मैं भले वनवास चुन लू
अर्ध्य देकर प्यास चुन लू
किन्तु कोलाहल करेगी
मौन मेरी प्रार्थनाए
हो विधानों को बधाई
है हमे शुभकामनाएं
वीडियो:- हो विधानों को बधाई
निष्कर्ष
आशा करता हु की मनु वैशाली की हो विधानों को बधाई कविता आपको जरूर पसंद आई होगी । इस पर अपनी राय हमे कमेंट बॉक्स में जरूर दे व इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे। तथा अपना प्यार इस ब्लॉग पर बनाये रखे। आप भी अपनी कोई कविता शायरी हमारे ब्लॉग के माध्यम से प्रकाशित कराना चाहते है तो सम्पर्क करे धन्यवाद
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