कान्हा कम्बोज की लेटेस्ट शायरी
हेल्लो दोस्तों आप सभी का एक बार फिर से मेरे ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आप सभी के आग्रह पर में आज आप सभी के लिए लेकर आया हु कान्हा कम्बोज की लेटेस्ट शायरी लिरिक्स का संग्रह जो आप सभी के रूह में उतर कर आपके जज्बातों से जुड़ जाएगी। यह शायरी आपके उन जज्बातों को खंखोलने का काम करेगी जिन्हें आप अपने दिल के किसी कोने में दबा कर रखे हैं। आप भी मेरी तरह कान्हा कम्बोज के बहुत बड़े फैन है। इसलिए में समझता हूं कि आप सभी कान्हा कम्बोज के परिचय से भली भांति परिचित होंगे। आप सभी की खिदमत में हाजिर है कान्हा कम्बोज की लेटेस्ट शायरी....
कान्हा कम्बोज की लेटेस्ट शायरी
दुखती नस पर लगा है, फन तुम्हारा
अगले महीने है ना, लगन तुम्हारा
उससे कहना, खबरदार रहा करे
मेरे रडार पर है, सजन तुम्हारा
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नई नस्लों के दिल में डर बैठाने को
मैंने भी मारे पत्थर दीवाने को
शहजादी तेरे अश्क अगर बहे तो
फिर तेरा गुलाम आग लगा देगा जमाने को
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तू खुद से बता दे, कि वहां दिक्कत है
अब मैं खुद से क्या समझूं, कहां दिक्कत है।
इसी वजह से इन आंखों को रुलाता हूं मैं
कि इन्हें तुमसे मिलाने में, क्या दिक्कत है।।
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तेरे पिंजरे को हाथ में लेते ही
जो खुद ही कैद हो जाएं हम वही तोते हैं।
वो अगर परी लगती है हंसते हुए तो
हम भी कहां इंसानों की तरह रोते हैं।।
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मैं जिस शख्स से रूबरू होना नहीं चाहता
उसी शख्स के कॉल का इंतजार भी है।
इसी डर में रात भर सोया नहीं मैं
एक वो नशे में और घर से बाहर भी है।।
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कैसे कैसों को हमराज करती है
अपने लोगों को नाराज करती है।
तेरे बाद हमने जाना
ये घड़ी टिक टिक की आवाज करती है
मैं उसकी दवाओं से ऐसा हुआ हूं कान्हा
तुम तो कहते थे, वो लड़की इलाज करती है।।
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बर्फ के ग्लेशियर से भी वो लड़की रख दे, पानी गुनगुना निकाल कर ।।
मैं वही हार गया
जब मुस्कुरा कर उसने चाल घोड़े की चल दी,
प्यादा निकाल कर।।
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खवाब में किए तेरे, वहशत में कर दी दोस्त
हमने सोई हुई आंख भी, हरकत में कर दी दोस्त।
जिस चीज को सोचकर कल तक घबरा रहा था
आज वो चीज उसने, हकीकत में कर दी दोस्त।।
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मेरे खत जला नहीं, मुझे लौटा दे
आखिर तेरी ही आंख में धुआ लगेगा।
यह मेरी मुकम्मल बेचैनी थोड़ी है
अभी मुझे देखकर और बुरा लगेगा।।
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जिन हाथों को तुम झटक रही हो
उन्ही हाथों से बना है बदन तुम्हारा।
तुम तो जान अब बेवफा भी नहीं
बेवफाई पार कर चुका सनम तुम्हारा।।
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बड़ी मशक्कत के बाद भी, निकाले नहीं जा रहे
जहन से तेरी याद के, जाले नहीं जा रहे
एक तू है संभाल रही है, नए नए आशिक
एक हम है, जो खुद से संभाले नहीं
मैंने ऐसे शख्स पे ठोक दिया, मोहब्बत का दावा
जिससे अपने दोस्त तक, टाले नही जा रहे है।।
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जरा बात मान मेरे भाई, नही लगती
मोहब्बत के टांको पर सलाई, नहीं लगती
इश्क में तबाह हो जाते हैं, निभाने वाले
खेलने वालों की इसमे पाई, नहीं लगती
उस लड़के का मैं बुरा हाल कर दूंगा वो
जिस लड़के में तुझे बुराई, नहीं लगती
आखिरी रास्ता तन्हाई और परेशान दिल
हाथ काटने में सिर्फ कलाई, नहीं लगती
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एक साथ बहुतों की जरूरत होती है
बेवफा को कब एक से मोहब्बत होती है।
नहीं होता लगाव खिंचाव प्यार वगैरा
मुझे हर किसी की सीधी आदत होती है
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बोतल में की और धुआ रखा हैहमने कमरे को यार सजा रखा है।कौन है इस खत का हकदार बताकौन है जिसका नाम मिटा रखा है।।
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निष्कर्ष
उम्मीद करता हु दोस्तो की आप सभी को कान्हा कम्बोज की लेटेस्ट शायरी पंसद आयी होगी। इन्हें आप अपने दोस्तों और प्रेमियों को भेजकर अपने जज्बातो को जाहिर कर सकते है। और ऐसी ही नई और बेहतरीन शायरियों को पढ़ने के लिए मेरे ब्लॉग पर बने रहे। अपनी किसी भी राय या सलाह के लिए मुझे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते है।